लौट आओ ना – प्रेम ठक्कर

  • Post author:Manisha Tyagi

लौट आओ ना

हर आहट पे दिल को सुकून सा आता है,
तेरी यादों में अब भी दर्द जगमगाता है।
लौट आओ ना, ये दिल बस यही पुकार करे,
तुझ बिन हर एक लम्हा बस खाली सा रह जाता है।

हर ख्वाब में तुम ही हो, हर बात में तेरा ज़िक्र,
तेरे बिना हर खुशी का रंग फीका सा हो जाता है।
दिल की धड़कनों में अब भी तेरा ही शोर है,
तेरे लौटने की उम्मीद से ये दिल दिन-रात बांवला हो जाता है।

वो हंसी तेरी, वो बातों का तेरा अंदाज़,
इन सांसों में अब भी वो एहसास बस जाता है।
लौट आओ ना, ये दिल तुझसे बंधा हुआ है,
तुझ बिन हर एक सपना अब टूट कर बिखर जाता है।

हर आहट पे दिल को सुकून सा आता है,
तेरी यादों में अब भी दर्द जगमगाता है।

प्रेम ठक्कर “दिकुप्रेमी”
सूरत, गुजरात

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