रचना प्रकाशन हेतु नियमावली
1. पत्रिका में प्रकाशन हेतु प्रेषित की गयी रचना पूर्णतः मौलिक, अप्रकाशित एवं अप्रसारित होनी चाहिए अन्यथा रचना पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। इस बाबत रचना के साथ घोषणा-पत्र भी अवश्य संलग्न करें। ध्यान दें कि घोषणा पत्र में रचनाकार का नाम, दिनांक एवं शहर व राज्य का उल्लेख जरूर हो। यदि रचनाकार का घोषणा-पत्र रचना के साथ ई-मेल में प्राप्त नहीं होता है, तो रचना प्रकाशित नहीं की जाएगी।
2. रचना के साथ रचनाकार को अपना पूरा नाम, छायाचित्र, संक्षिप्त परिचय और पता प्रेषित करना अनिवार्य है।
3. रचना में मात्राओं एवं टंकण की अशुद्धियाँ यथासंभव नहीं होनी चाहिए। अशुद्धियाँ पाये जाने पर रचनाओं को पत्रिका में शामिल नहीं किया जाएगा। अंतिम निर्णय संपादक मंडल द्वारा लिया जाएगा, संपादक मंडल के निर्णय रचनाकार के लिए भी मान्य रहेगा।
4. एक अंक हेतु एक रचनाकार अधिकतम तीन रचनाएं ही प्रेषित कर सकते हैं। पत्रिका में प्रकाशन हेतु रचनाकार हिंदी साहित्य की किसी भी विधा में अपनी रचनाएं प्रेषित कर सकते हैं। रचनाएं पद्य या गद्य किसी भी विधा में भेजी जा सकती है एवं रचनाकार दोनों विधाओं में भी प्रेषित कर सकते हैं।
5. संपादक मंडल द्वारा पत्रिका के लिए प्राप्त होने वाली रचनाओं को लेकर कोई भी निर्णय अंतिम होगा और संपादक मंडल के निर्णय रचनाकार के लिए सर्वमान्य रहेंगें।
6. रचना के स्वीकृत या अस्वीकृत होने की सूचना किसी भी रचनाकार को ई-मेल द्वारा सूचित कर पाना हमारे लिए असंभव है, इसलिए नये अंक का अवलोकन कर अपनी रचना की स्थिति का पता लगा सकते हैं।
7. रचनाएँ केवल यूनिकोड या मंगल फोंट में ही स्वीकार्य हैं, यदि रचनाकार द्वारा किसी अन्य फोंट में रचनाएं भेजी जाती है, तो रचना को पत्रिका में शामिल नहीं किया जाएगा।
8. रचना प्रकाशित करने के लिये न ही किसी प्रकार का शुल्क लिया और न ही किसी प्रकार का भुगतान दिया जाएगा। यह पूर्णतः हिंदी साहित्य के सम्वर्धन हेतु प्रारम्भ की गयी अव्यवसायिक पत्रिका है।
9. रचना में विवादित सामग्री अथवा किसी भी धर्म,सम्प्रदाय, नश्ल, जाति एवं धार्मिक-सामाजिक विशिष्ट पहचान सूचक सम्बन्धी शब्दों का प्रयोग न करें और यदि रचनाकार फिर भी इन बातों को नजरअंदाज करते हुए ऐसी रचनाओं का सृजन करता है और रचना प्रकाशित हो जाती है तो सम्पूर्ण जवाबदेही उक्त रचनाकार की ही होगी न कि सम्पादक व प्रकाशक की।
10. ‘उड़ान’ पत्रिका का उद्देश्य हिन्दी साहित्य एवं रचनाकारों को प्रोत्साहित करना है एवं पत्रिका प्रिन्ट ऑन डिमांड टेक्नोलॉजी के अर्न्तगत प्रिन्ट की जाती है, अत: कोई भी पाठक एवं रचनाकार सशुल्क पत्रिका को प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए किसी भी रचनाकार को पत्रिका का प्रिन्ट एडिशन नि:शुल्क उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। रचनाकार पत्रिका का ई-एडिशन गूगल प्ले या पत्रिका की वेबसाइट से नि:शुल्क डाउनलोड कर सकते हैं।