संपादकीय मंडल
उड़ान हिन्दी साहित्यिक पत्रिका का संपादन साहित्य को समर्पित साहित्यकारों द्वारा किया जा रहा है। पत्रिका के संपादक मंडल अवैतनिक रूप से साहित्य के लिए समपर्ण भाव के साथ संपादन की जिम्मेदारी उठा रहे है। उड़ान हिन्दी पत्रिका की संपादकीय मंडल के सदस्यों का विवरण निम्न प्रकार है-
राजीव कुमार झा
( प्रधान संपादक )
31 जुलाई 1983 को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के सोरपनिया गाँव में जन्म। मोतिहारी में बिहार सरकार के अधीन मुजीब बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भाषा के शिक्षक के रूप में सेवारत। हमेशा से साहित्य से गहरा जुड़ाव रहा है। अपनी भावनाओं, अपने अनुभव, अपने विचारों, अपनी सोंच को शब्दों में, छंदों में, कहानियों में पिरोते रहे हैं, जो अब भी जारी है।
लक्ष्मण सिंह त्यागी 'रीतेश'
( संपादक )
लक्ष्मण सिंह त्यागी ‘रीतेश’ का जन्म सन् 25 अगस्त 1986 को गाँव बदरिका, तहसील सैंपऊ, जिला धौलपुर, राजस्थान में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था। आपके पिता श्री रमेश चन्द्र त्यागी (दीनानाथ जी) एवं माता श्रीमती इन्द्रा त्यागी हैं। आपकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकीं है। वर्तमान में शासकीय अध्यापक के रुप में जिला पन्ना मध्य प्रदेश में कार्यरत हैं।
प्रीति चौधरी 'मनोरमा'
( उप संपादक )
उत्तर प्रदेश के जिला बुलंदशहर निवासी प्रीति चौधरी ‘मनोरमा’ जी के दो एकल काव्य संकलन प्रकाशित हो चुकें है और आपने एक महिला साझा संकलन का संपादन भी किया है। प्रीति जी लघुकथा, कविताएं और कहानियाँ आदि विद्याओं में लेखन करतीं है। प्रीति चौधरी जी को उनके साहित्यिक सृजन के लिए कई सम्मान प्राप्त हो चुकें हैं।
सुप्रिया पाठक 'रानू'
( उप संपादक )
लेखिका एवं कवयित्री सुप्रिया पाठक ‘रानु’ जी कई साझा पुस्तकों में सक्रिय सहभागिता में रह चुकीं है और बिहार में जिला गोपाल गंज आपका जन्मस्थान है। वर्तमान में शिक्षा सेवा में कार्यरत हैं। सुप्रिया पाठक ‘रानु’ जी अध्यापन एवं स्वतंत्र लेखन में सक्रिय है। आपने एक साझा काव्य संकलन ‘काव्य मंजरी’ का संपादन भी किया है, जिसे सहभागी कवयित्रियों ने बहुत सराहा है।
देवेन्द्र नारायण तिवारी 'देवन'
( संपादकीय सहयोग )
भारत भूमि पर जन्मे प्रकृतिवादी, साहित्य प्रेमी, युवा कवि व लेखक देवन जी वर्तमान में नेहरू कॉलेज, पनवाड़ी में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर बालक बालिकाओं को समय देकर निशुल्क शिक्षा देना इनकी विशेषताओं में शामिल है। बच्चों को स्कूल भेजने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों तथा निर्धन बच्चों के माता पिता को प्रेरित करना इनकी गतिविधियों में शामिल है।