जीवन – kuleswar जायसवाल

  • Post author:Manisha Tyagi

ये जीवन तो नदी के समान है,

जीना है तो चलना पड़ेगा सदा ll

राह में आएगा कई पर्वत विशाल l

बिखर न जाना खुद को संभाल ll

हौसलों से ही अब तो उड़ान है,

धीर – वीर कैसे हारेगा भला l

ये जीवन तो नदी के समान है,

जीना है तो चलना पड़ेगा सदा ll

मर्म स्पर्शों से शिलाओं को पार कर लो l

भूल जाओ द्वेष ईर्ष्या सब से प्यार कर लो ll

ताकत से भले जीत जाए इंसान है,

पर मृदुवाणी से मन जीते जाते सदा l

ये जीवन तो नदी के समान है,

जीना है तो चलना पड़ेगा सदा ll

चारों ओर यहाँ विषधर हैं खड़े l

पर चंदन को कहा फर्क है पड़े ll

परहित जो जीये जीवन महान हैं,

इसलिए मानव जीवन है सबसे जुदा l

ये जीवन तो नदी के समान है,

जीना है तो चलना पड़ेगा सदा ll

कुलेश्वर जायसवाल
सेमरिया कबीरधाम छत्तीसगढ़

Leave a Reply