चंचल चिड़ियाँ बहुत उदास और दुखी थी।
अचानक वहाँ उसकी बिटिया आई,… मम्मी को दुखी देख पूछ बैठी …..मम्मी आप उदास और दुखी क्यों हैं?
मम्मी ने बताया ….बेटा ….अभी-अभी-मै पूर्व दिशा से लौटी हूँ …वहां मैंने एक बहेलिये को देखा …बड़ी मुश्किल से उससे बचकर आई हूँ ..पर…
पर,…. क्या मम्मी ?
मेरी दोस्त मेरे मना करने के बावजूद उधर चली गई है …..मुझे उसके लिए दुःख हो रहा है।
नहीं मम्मी,… आप दुखी मत होइये ……आपने अपना काम कर दिया है और अपने हिस्से का दुःख भी महसूस कर लिया अब उन्हें उनके हिस्से का दुःख महसूस करने दीजिये ….चंचल चिड़िया बिटिया को देखते हुए सोच रही थी,… मेरी बिटिया मुझसे ज्यादा समझदार हो गई है।
उसका दुःख ख़त्म तो नहीं पर हल्का जरुर हो गया।
लेखिका : डा. निशा महाराना