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आज-कल कुछ तो है हांसिए पर…..
अरे ओ, मन मेरे अब तक…
हृदय वेधने को तत्पर
तेरे आने की खबर से
आखिरी कील
दहेज एक अभिशाप | पूनम गुप्ता
समझो मुझे | प्रियंका प्रियदर्शिनी
बलात्कार | सुरंजना पाण्डेय
वसुंधरा बनाओ – आनंदश्री
बुरा लगता है | नीलेन्द्र शुक्ल ‘नील’
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