माँ

  • Post author:Web Editor

माँ रहती है तो सबकुछ
कितना आसान होता है
जैसे कोई गम…
कोई दुःख…
कोई कठिनाई …
बस छूकर निकल गई हो जैसे
हर तकलीफ हर गम से माँ उबारती है
बड़े ही सलीके और प्यार से समझाती है
हिम्मत और हौंसला है माँ
माँ तुझसे ही है मेरा जहाँ…..
माँ एक शब्द
कितने अहसास
कितना प्रेम,
कितने अपनत्व,
कितने जज्बात
भर आँचल ममता ,
कितनी ही चिंता,,
हरपल आँखों में
प्यारा सा सपना सजाती
अपने लाड़ले – लाड़लियों के लिए
कितने ही त्याग देती
एक चलती- फिरती मुस्कुराती देवी है माँ…
माँ तुझसे ही है मेरा जहाँ…..

रीना मौर्य
सम्पर्क -स्नेह सागर सोसाइटी,
सागबाग, मरोल, अंधेरी-कुराला रोड,
अंधेरी ईस्ट, मुम्बई।

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