मैं जहां जाता हूं
वह भी जाता है ।
मेरे सिर पर बैठ
वह इठलाता है ।
मुझपे कोई वार करे
तो सामने आ जाता है ।
गिर जाऊं तो
चोट से मुझे बचाता है।
सचमुच मेरा सच्चा रक्षक है
जो हेलमेट कहलाता है ।
कुलेश्वर जायसवाल
सेमरिया कबीरधाम छत्तीसगढ़
मैं जहां जाता हूं
वह भी जाता है ।
मेरे सिर पर बैठ
वह इठलाता है ।
मुझपे कोई वार करे
तो सामने आ जाता है ।
गिर जाऊं तो
चोट से मुझे बचाता है।
सचमुच मेरा सच्चा रक्षक है
जो हेलमेट कहलाता है ।
कुलेश्वर जायसवाल
सेमरिया कबीरधाम छत्तीसगढ़