जाड़े के दिन धीरे – धीरे जा रहे थे और सूरज दादा अपना तेवर दिखाना शुरू कर रहे थे। श्याम के घर में भी गर्मी से सबका हाल अस्त व्यस्त था। श्याम के परिवार में एक बड़ा भाई गौरव और एक छोटी बहन शीतल एवं माता – पिता थे। आज श्याम की आँख जल्दी खुल गई उठकर देखा तो सुबह के चार बज रहे थे। आज की रात श्याम को एक सपना आया कि उसके बड़े भाई की शादी मई माह में हो रही है।
सुबह जब वह उठा तो उसने अपने सपने की बात माँ को बताई तो माँ ने कहा यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुम्हें इतना अच्छा सपना आया। अगले ही दिन रिश्ते वाले आना पहले ही थे। रिश्ते वाले आए और भाई की शादी पक्की कर गए। हम लोग भी भाभी को देखने गए और हमने भी शादी पक्की कर दी।शादी मे सिर्फ एक माह शेष था। धीरे-धीरे दिन घटते गए और शादी वाला दिन आ गया। शादी सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हुई। भाभी(रोशनी) का भी गृह प्रवेश हो गया। एक दिन शीतल बंद कमरे रो रही थी।
भाभी ने उससे पूछा कि क्या बात है तो पहले तो शीतल कुछ नहीं बोली थोड़ी देर बाद उसने कहा – भाभी मेरे साथ ऑनलाइन फ्रॉड हो गया। किसी ने मेरे अकांउट से एक लाख रुपये उड़ा दिए। भाभी ने कहा तुम रोना बंद करो और मेरे साथ चलो हम पुलिस में शिकायत करते हैं। पर शीतल चलने को तैयार नहीं थी उसे डर था कि यह बात पापा को पता पड़ी तो बहुत मार लगेगी। लेकिन भाभी ने उसे विश्वास दिलाया कि यह बात वह किसी को नहीं बताएगी। भाभी ने शीतल के साथ जाकर पुलिस स्टेशन में शिकायत लिखाई और फिर जाकर बैंक में अकाउंट को कुछ समय के लिए बंद करवा दिया।
अगले ही दिन शीतल के मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसमें लिखा था कि उसके अकांउट में एक लाख रुपये वापस आ गए। इस मैसेज को देखते ही वह तुरंत भाभी से जाकर लिपट गई और भावुक हो गई। इस प्रकार भाभी की सूझबूझ से ननद शीतल के पैसे वापस आ गए।
रचनाकार – अंकुर चौरसिया
स्थान – जिला ग्वालियर (म.प्र.)
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