बेटिंया

  • Post author:Web Editor
मुकेश जैन
मेरठ कैन्ट, (उ0प्र0)
30 322
घर की लाज है बेटियां,
हर रूप में है बेटियां,
बेटी का पहला रूप है एक बेटी,
दूसरा रूप है एक बहन
तीसरा रूप है एक बीवी
चैथा रूप है एक माँ
ना जाने कितने रूप रखती है बेटियां
बाप की प्यारी माँ की दुलारी है बेटियां
पालते इनको 22-25 साल तक
लेकिन एक पल मे पराई हो जाती है बेटियां
रोशन करेगा बेटा तो बस एक कुल को ,
दो दो कुलो की लाज होती है बेटियां
हीरा अगर है बेटा
तो सच्ची मोती है बेटियां
करो इनका आदर, सम्मान के लायक है बेटिया


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