
तेरे ख़्वाबों से है वास्ता कोई
इन निगाहों से है रास्ता कोई
उसे देखके मैं खिल उठता हूँ
बच्चे में बसा है फरिश्ता कोई
हमें तो हर धर्म की तहज़ीब है
मेरा वतन ही है गुलिस्तां कोई
चाँद जो यौवन के उरूज पे है
मेरे महबूब सा है शाइस्ता* कोई
मैं वक़्त को हराके अभी बैठा हूँ
इक नई सदी दे दो आहिस्ता कोई
*शाइस्ता-खूबसूरत लड़की (पश्तून भाषा में)
व्हॉटसएप पर जुड़ें : उड़ान हिन्दी पर प्रकाशित नई पोस्ट की सूचना प्राप्त करने के लिए हमारे ऑफिशियल व्हाट्सएप चैनल की नि:शुल्क सदस्यता लें। व्हॉटसएप चैनल - उड़ान हिन्दी के सदस्य बनें
कॉपीराइट सूचना © उपरोक्त रचना / आलेख से संबंधित सर्वाधिकार रचनाकार / मूल स्रोत के पास सुरक्षित है। उड़ान हिन्दी पर प्रकाशित किसी भी सामग्री को पूर्ण या आंशिक रूप से रचनाकार या उड़ान हिन्दी की लिखित अनुमति के बिना सोशल मीडिया या पत्र-पत्रिका या समाचार वेबसाइट या ब्लॉग में पुनर्प्रकाशित करना वर्जित है।