जब बारिश होती है

  • Post author:Web Editor
cold fall rain 217832
मै जाग जाता हूँ एक लम्बी नींद से
अंगड़ा कर आखे मींचता हूँ एक बादल के फटने पर
जम्हा कर बिजली की कडकडाहट पर, चल देता हूँ मै
अचानक ही बदल जाता हूँ जैसे आसमान का रंग ऊपर
रुकता भी हूँ ठहरता भी, महसूस भी
ज़मीं से गीली मिटटी उठा कर सूंघ सकता हूँ उसकी उम्र अब
पता है मुझे धरती के घूमने का रुख
बखूबी समझता हूँ पेड़ो के शब्द, चिड़िया के सुर
मुझे मालूम है सड़के किस ओर जाती है, किस ओर से वापस आती है
रो सकता हूँ एक घोसले के बह जाने पर
खुश हूँ बकरी की मिमियाहट से,
मुझे चिंता है किसी बछड़े के वापस घर न आने की
घंटो देख सकता हूँ इक गुबरैले का धीमा सफ़र
मुझे मालूम है चाँद के हर एक धब्बे की वजह
मुट्ठी में भर कर हवा की खडखडाहट सुनता भी हूँ
की बस मै बह रहा हूँ अभी इस गीले सफ़र में..
मै जाग जाता हूँ इक लम्बी नींद से
जब बारिश होती है
सिप सिप सिप सिप!
avinash+singh

अविनाश सिंह तोमर

व्हॉटसएप पर जुड़ें : उड़ान हिन्दी पर प्रकाशित नई पोस्ट की सूचना प्राप्त करने के लिए हमारे ऑफिशियल व्हाट्सएप चैनल की नि:शुल्क सदस्यता लें। व्हॉटसएप चैनल - उड़ान हिन्दी के सदस्य बनें


कॉपीराइट सूचना © उपरोक्त रचना / आलेख से संबंधित सर्वाधिकार रचनाकार / मूल स्रोत के पास सुरक्षित है। उड़ान हिन्दी पर प्रकाशित किसी भी सामग्री को पूर्ण या आंशिक रूप से रचनाकार या उड़ान हिन्दी की लिखित अनुमति के बिना सोशल मीडिया या पत्र-पत्रिका या समाचार वेबसाइट या ब्लॉग में पुनर्प्रकाशित करना वर्जित है।

Leave a Reply